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एलएसजी के मालिक संजीव गोयनका ने पीबीकेएस के खिलाफ हार के बाद ऋषभ पंत का सामना किया: केएल राहुल वाली घटना फिर से दोहराई गई

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परिचय

लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के मालिक संजीव गोयनका फिर से चर्चा में हैं, जब पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) से एलएसजी की आईपीएल 2025 की हार के बाद पिच पर उनके और कप्तान ऋषभ पंत के बीच कहासुनी हो गई। इस घटना से टीम के मामलों में गोयनका की भूमिका को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो गई, इससे पहले पिछले सीजन में केएल राहुल के साथ भी इसी तरह की बहस हुई थी। विश्लेषक और प्रशंसक अब इस बात पर बहस कर रहे हैं कि हार के तुरंत बाद खिलाड़ियों से इस तरह की सीधी बातचीत करने से टीम भावना बढ़ती है या नहीं।

 

PBKS से हार के बाद संजीव गोयनका ने ऋषभ पंत का सामना किया

LSG को पंजाब किंग्स से निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद संजीव गोयनका मैदान पर ऋषभ पंत के पास गए। कैमरे में कैद हुई इस बातचीत में गोयनका पंत की कप्तानी और प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे थे। यह दृश्य पिछले साल केएल राहुल के साथ टकराव से काफी मिलता-जुलता था, जहां गोयनका टीम के प्रदर्शन से असंतुष्ट थे।

 

गोयनका ने पंत का सामना क्यों किया?

पंत का खराब प्रदर्शन: पंत ने बल्ले से संघर्ष किया, महत्वपूर्ण मैचों में कम रन बनाए।

कप्तानी के फैसले: शार्दुल ठाकुर जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को डेथ ओवरों में इस्तेमाल न करने जैसे संदिग्ध गेंदबाजी विकल्पों के कारण आलोचना हुई।

टीम की निराशाजनक शुरुआत: एलएसजी ने आईपीएल 2025 में अपने पहले तीन मैचों में से दो में हार का सामना करते हुए एक असंगत शुरुआत की है।

 

आईपीएल 2025 में पंत का संघर्ष: ₹27 करोड़ का जुआ?

एलएसजी ने आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी में ऋषभ पंत को रिकॉर्ड ₹27 करोड़ में खरीदकर सुर्खियाँ बटोरीं। हालाँकि, पंत का अब तक का प्रदर्शन इस भारी कीमत को सही नहीं ठहरा पाया है। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने उन्हें “₹27 करोड़ का फ्लॉप” कहना शुरू कर दिया है, जो बल्ले और कप्तानी दोनों में उनके संघर्ष की ओर इशारा करता है।

 

आईपीएल 2025 में अब तक पंत का प्रदर्शन

मैच 1 बनाम दिल्ली कैपिटल्स (DC): छह गेंदों पर शून्य पर आउट; अंतिम दो ओवरों में 22 रन का बचाव करने में विफल।

मैच 2 बनाम सनराइजर्स हैदराबाद (SRH): LSG ने जीत हासिल की, लेकिन पंत का योगदान न्यूनतम था।

मैच 3 बनाम पंजाब किंग्स (PBKS): एक और निराशाजनक प्रदर्शन, जिसके कारण गोयनका से टकराव हुआ।

 

इतिहास दोहराया गया: आईपीएल 2024 में केएल राहुल के साथ भी ऐसा ही व्यवहार हुआ

संजीव गोयनका टीम के मामलों में अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए जाने जाते हैं। आईपीएल 2024 में, उन्हें हार के बाद तत्कालीन LSG कप्तान केएल राहुल के साथ तीखी नोकझोंक करते देखा गया था। इस तरह के टकरावों की पुनरावृत्ति खिलाड़ियों के आत्मविश्वास और टीम के प्रदर्शन पर मालिकाना हस्तक्षेप के प्रभाव के बारे में सवाल उठाती है।

 

LSG खिलाड़ियों पर गोयनका के टकराव का प्रभाव

अतिरिक्त दबाव: सार्वजनिक टकराव खिलाड़ियों का मनोबल गिरा सकता है और टीम के मनोबल को प्रभावित कर सकता है।

टीम की एकता की चिंता: मालिकाना हक की ओर से लगातार जांच से खिलाड़ियों और प्रबंधन के बीच मतभेद पैदा हो सकते हैं।

प्रतिष्ठा को नुकसान: एलएसजी को एक ऐसी फ्रेंचाइजी के रूप में देखा जाने का जोखिम है, जहां खिलाड़ी मालिक के लगातार दबाव में रहते हैं।

 

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं: गोयनकापंत के बीच हुई बातचीत पर प्रशंसकों की प्रतिक्रिया

क्रिकेट प्रशंसकों ने ट्विटर (X) और इंस्टाग्राम पर गोयनका-पंत की घटना पर अपनी राय व्यक्त की। कई लोगों ने इसकी तुलना आईपीएल 2024 में केएल राहुल के साथ हुई झड़प से की, जबकि अन्य इस बात पर बहस कर रहे थे कि क्या गोयनका का दृष्टिकोण उचित था।

 

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ऋषभ पंत और LSG के लिए आगे क्या है?

आईपीएल 2025 में कई मैच बचे हैं, ऐसे में ऋषभ पंत के पास अभी भी चीजों को बदलने का समय है। हालांकि, उन्हें यह करने की जरूरत है:

अपनी बल्लेबाजी में सुधार करें: शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलें।

कप्तानी के फैसले बेहतर बनाएं: मुश्किल परिस्थितियों में बेहतर रणनीति अपनाएं।

संयम बनाए रखें: विरोधियों और टीम प्रबंधन दोनों के दबाव को संभालें।

आईपीएल फ्रेंचाइजी और मालिकों के लिए सबक

 

क्या मालिकों को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए?

एलएसजी के लिए संजीव गोयनका का जुनून सराहनीय है, लेकिन सार्वजनिक टकराव टीम के प्रदर्शन के मुद्दों को संबोधित करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं हो सकता है। यहाँ बताया गया है कि क्यों:

खिलाड़ी का आत्मविश्वास मायने रखता है: सार्वजनिक जांच मनोबल को कम कर सकती है और प्रदर्शन की चिंता को बढ़ा सकती है।

कोचिंग स्टाफ पर भरोसा करें: निर्णय जस्टिन लैंगर जैसे पेशेवर कोचों पर छोड़ दिए जाने चाहिए, जिन्हें टीमों को संभालने का अनुभव है।

पर्दे के पीछे की रणनीति: टीम की चर्चा ड्रेसिंग रूम में होनी चाहिए, जनता की नज़रों से दूर।

 

निष्कर्ष

पीबीकेएस से एलएसजी की हार के बाद ऋषभ पंत-संजीव गोयनका टकराव ने एक बार फिर आईपीएल टीमों में मालिकाना हस्तक्षेप के बारे में बहस छेड़ दी है। जबकि गोयनका की हताशा समझ में आती है, लेकिन सार्वजनिक टकराव टीम की विफलताओं को संभालने का सबसे अच्छा तरीका नहीं हो सकता है। टूर्नामेंट अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, पंत और एलएसजी को फिर से संगठित होना चाहिए और ऑफ-फील्ड विवादों के बजाय मैच जीतने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

 

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